तेरी नशीली आँखों का काजल...
"तेरी नशीली आँखों का काजल,
मदहोश हमें कर जाता है।
इश्क़ तेरा इंतिहा से परे,
रूह में तुझमें खो जाता है।
शौक़-ए-नज़र में बसा तेरा रंग,
हर खुशी सिमट आई हो।
दिल में गूँजता मोहब्बत का अहसास,
जो कायनात में छा गया हो!"
"तेरी नशीली आँखों का काजल,
मदहोश हमें कर जाता है।
इश्क़ तेरा इंतिहा से परे,
रूह में तुझमें खो जाता है।
शौक़-ए-नज़र में बसा तेरा रंग,
हर खुशी सिमट आई हो।
दिल में गूँजता मोहब्बत का अहसास,
जो कायनात में छा गया हो!"
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